नमस्कार दोस्तों ! क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप कुरकुरे का पैकेट खोलते हैं और उसमें से मसालों की खुशबू और कुरकुरेपन की आवाज आती है, तो यह स्वादिष्ट स्नैक आखिर बनता कैसे है? हम सबको कुरकुरे खाना तो बहुत पसंद है, लेकिन इसके बनने की कहानी उतनी ही मजेदार और दिलचस्प है। सोचिए, मक्के के छोटे-छोटे दाने कैसे स्वाद से भरे कुरकुरे टुकड़ों में बदल जाते हैं? इसमें कौन-कौन सी मशीनें लगती हैं और मसालों का जादू कैसे तैयार होता है?
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आज हम आपको ले चलेंगे एक ऐसी यात्रा पर, जहां आपको पता चलेगा कि Kurkure फैक्ट्री में कैसे बनता है। शुरुआत से लेकर पैकेट आपके हाथों तक पहुंचने तक की पूरी प्रक्रिया को आसान और मजेदार भाषा में समझेंगे। तो चलिए, तैयार हो जाइए इस स्वादिष्ट सफर के लिए!
Kurkure क्या है और इसे लोग क्यों पसंद करते हैं?
Kurkure एक बहुत ही पसंदीदा स्नैक है, जिसे बच्चे और बड़े सभी बड़े चाव से खाते हैं। यह एक कुरकुरी और मसालेदार चीज़ होती है, जिसे मकई (कॉर्न) और कुछ खास मसालों से बनाया जाता है। जब भी हमें हल्की भूख लगती है या कुछ चटपटा खाने का मन करता है, तो हम अक्सर Kurkure खाना पसंद करते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह हर उम्र के लोगों के लिए मजेदार स्नैक है।

जब आप किसी दुकान या सुपरमार्केट में जाते हैं, तो आपको अलग-अलग फ्लेवर में Kurkure मिलते हैं। कुछ लोग मसालेदार (Spicy) फ्लेवर पसंद करते हैं, तो कुछ लोग हल्के और मीठे स्वाद वाले Kurkure खाना पसंद करते हैं। इसमें अलग-अलग मसाले मिलाकर इसे और भी स्वादिष्ट बनाया जाता है। यह एकदम कुरकुरी होती है, इसलिए जब हम इसे खाते हैं, तो मुँह में एक मजेदार क्रंचिंग साउंड आता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
Kurkure को लोग ज्यादातर चाय के साथ, पिकनिक पर या टीवी देखते समय मजे से खाते हैं। यह एक तरह से दोस्तों और परिवार के साथ बैठकर खाने के लिए भी बढ़िया स्नैक माना जाता है। इसकी पैकिंग भी इतनी अच्छी होती है कि आप इसे आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं। इसकी महक भी इतनी अच्छी होती है कि जैसे ही आप पैकेट खोलते हैं, आपको इसका मसालेदार और टेस्टी खुशबू आ जाती है।
अब सवाल यह है कि यह इतना स्वादिष्ट और कुरकुरा बनता कैसे है? इसके पीछे एक बहुत ही खास प्रोसेस होती है, जिसे एक फैक्ट्री में तैयार किया जाता है। अब हम जानेंगे कि Kurkure को फैक्ट्री में कैसे बनाया जाता है और यह आपके पास कैसे पहुँचता है।
Kurkure बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली मुख्य सामग्री
Kurkure बनाने के लिए कुछ खास सामग्री की जरूरत होती है, जिनकी वजह से यह इतना स्वादिष्ट और कुरकुरा बनता है। सबसे पहले, इसमें मकई (कॉर्न मील) का उपयोग किया जाता है। मकई वह मुख्य चीज़ है जिससे Kurkure की कुरकुरी बनावट तैयार होती है। मकई के दानों को पीसकर बारीक पाउडर बनाया जाता है, जिसे कॉर्न मील कहा जाता है। यही पाउडर Kurkure की नींव होती है।

दूसरी महत्वपूर्ण सामग्री होती है खास मसाले और फ्लेवर। ये मसाले ही Kurkure को अलग-अलग स्वाद देते हैं। जैसे, मसालेदार फ्लेवर, चीज़ फ्लेवर या हल्का मीठा फ्लेवर। इन मसालों को बहुत सावधानी से चुना जाता है ताकि हर पैकेट का स्वाद एक जैसा हो और खाने में मज़ेदार लगे।
इसके अलावा, खाद्य तेल (Cooking Oil) का भी अहम रोल होता है। तेल का इस्तेमाल Kurkure को तलने के लिए किया जाता है, जिससे यह कुरकुरी बनती है। तेल हमेशा अच्छी क्वालिटी का इस्तेमाल किया जाता है ताकि खाने में सेहतमंद और स्वादिष्ट बने।
Kurkure को और स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें थोड़ा सा नमक और चीनी भी डाली जाती है। नमक स्वाद को संतुलित करता है और चीनी एक हल्की मिठास लाती है। साथ ही, इसे ज्यादा समय तक ताजा और कुरकुरा बनाए रखने के लिए खास खाद्य संरक्षण सामग्री (Preservatives) का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं।
इन सभी सामग्रियों को साफ-सुथरे माहौल में इकट्ठा किया जाता है और हर चीज़ की गुणवत्ता की जांच की जाती है। इसके बाद ही इनका इस्तेमाल Kurkure बनाने की प्रक्रिया में किया जाता है। अब जब हमने सामग्री जान ली है, तो अगले हिस्से में हम देखेंगे कि इन सामग्रियों को कैसे तैयार किया जाता है।
मकई (कॉर्न) की सफाई और तैयारी का तरीका
Kurkure बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहला और जरूरी काम है मकई (कॉर्न) की सफाई और तैयारी। फैक्ट्री में जब मकई के दाने आते हैं, तो उन्हें सबसे पहले अच्छे से साफ किया जाता है। यह सफाई बहुत जरूरी होती है ताकि मकई के दानों में धूल, मिट्टी या कोई भी गंदगी न रहे। सफाई के लिए बड़े-बड़े मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मकई के दानों को एकदम साफ और चमकदार बना देते हैं।

साफ होने के बाद मकई के दानों को सूखाने (Drying) की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। सूखे दाने ही अच्छी क्वालिटी के Kurkure बनाने में मदद करते हैं। अगर दानों में नमी रह जाए, तो Kurkure कुरकुरी नहीं बन पाएगी। इसलिए इन दानों को बड़े ड्रायर में रखा जाता है, जो सही तापमान पर दानों को सुखाते हैं।
इसके बाद आता है दाने पीसने (Grinding) का काम। मकई के सूखे दानों को बड़ी-बड़ी मशीनों में डाला जाता है, जहां उन्हें बारीक पाउडर में पीसा जाता है। इस पाउडर को ही कॉर्न मील कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल Kurkure के बेस को बनाने में होता है। पीसने की प्रक्रिया के दौरान यह भी ध्यान रखा जाता है कि पाउडर एकदम बारीक हो, जिससे बाद में Kurkure का आकार और बनावट एक जैसी बने।
जब पाउडर तैयार हो जाता है, तो उसे स्टोरेज टैंक में सुरक्षित रखा जाता है। यहां इसे खास तापमान पर स्टोर किया जाता है ताकि पाउडर लंबे समय तक ताजा रहे और उसमें कोई खराबी न आए। अब जब मकई पूरी तरह से तैयार हो जाती है, तो अगले स्टेप में इसे बाकी सामग्रियों के साथ मिलाया जाता है।
मिश्रण तैयार करने की प्रक्रिया
जब मकई का पाउडर (कॉर्न मील) पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तो अगला कदम होता है मिश्रण तैयार करना। यह स्टेप बहुत जरूरी होता है क्योंकि यहीं से Kurkure का असली स्वाद और बनावट बननी शुरू होती है। फैक्ट्री में बड़े-बड़े मिक्सिंग मशीनों में मकई के पाउडर को डाला जाता है। इसके बाद इसमें थोड़ा सा पानी मिलाया जाता है ताकि पाउडर अच्छी तरह गूंथकर नरम और चिकना हो जाए। पानी मिलाने से मिश्रण में नमी आ जाती है, जिससे बाद में Kurkure का आकार आसानी से बन पाता है।

अब इस मिश्रण में कुछ और जरूरी चीजें डाली जाती हैं, जैसे कि स्वाद बढ़ाने वाले प्राकृतिक तत्व और हल्के मसाले। इन सभी चीजों को मशीन में एक समान रूप से मिलाया जाता है ताकि पूरा मिश्रण एक जैसा हो और हर टुकड़े में एक जैसा स्वाद मिले। मिक्सिंग मशीन बहुत तेज गति से घूमती है और यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी हिस्सा सूखा या अलग न रहे।
मिश्रण तैयार करते समय तापमान और नमी का भी ध्यान रखा जाता है। अगर मिश्रण बहुत सूखा होगा, तो Kurkure सख्त बन जाएगा और अगर बहुत ज्यादा गीला होगा, तो यह अपने आकार को ठीक से नहीं बना पाएगा। इसलिए मशीन में खास सेंसर लगे होते हैं, जो तापमान और नमी को संतुलित रखते हैं।
मिश्रण तैयार होने के बाद इसे कुछ देर के लिए आराम करने दिया जाता है ताकि यह और भी बेहतर बन सके। अब यह मिश्रण Kurkure के खास आकार देने के लिए तैयार होता है। अगले स्टेप में हम देखेंगे कि इस तैयार मिश्रण को कैसे मजेदार और अनोखे आकारों में बदला जाता है।
Kurkure के आकार को कैसे बनाया जाता है ?
जब Kurkure का मिश्रण पूरी तरह से तैयार हो जाता है, तो अगला कदम होता है इसके आकार को बनाना। Kurkure का टेढ़ा-मेढ़ा और अनोखा आकार ही इसे खास बनाता है। आप जब भी Kurkure खाते होंगे, तो आपने देखा होगा कि हर टुकड़ा अलग दिखता है। इसका कारण है इसे बनाने की खास प्रक्रिया।

फैक्ट्री में बड़े-बड़े एक्सट्रूडर (Extruder) मशीन होते हैं, जिनका काम Kurkure को उसका खास आकार देना होता है। इस मशीन में तैयार मिश्रण को डाला जाता है। मशीन के अंदर एक खास तरह का पाइप होता है, जिसमें से मिश्रण दबाव के साथ बाहर निकलता है। जैसे ही मिश्रण पाइप से बाहर आता है, यह अपने आप ही टेढ़े-मेढ़े आकार में बदल जाता है। यही वजह है कि हर Kurkure का टुकड़ा अलग-अलग दिखता है।
आकार बनाने के दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि हर टुकड़ा न ज्यादा मोटा हो और न ही ज्यादा पतला। अगर यह बहुत मोटा होगा, तो अच्छे से कुरकुरा नहीं बनेगा और अगर बहुत पतला होगा, तो जल्दी टूट सकता है। मशीन इसे बिल्कुल सही मोटाई और लंबाई में काटती है।
इस प्रक्रिया के दौरान गति बहुत तेज होती है, जिससे हर सेकंड में हजारों Kurkure के टुकड़े बनते हैं। यह सब कुछ अपने आप मशीनें करती हैं, जिसमें इंसानों की निगरानी बस यह देखने के लिए होती है कि सब कुछ सही तरीके से हो रहा है।
अब जब Kurkure अपने मजेदार आकार में बन जाता है, तो अगला स्टेप होता है इसे कुरकुरा और स्वादिष्ट बनाने के लिए तलना। चलिए, अगले हिस्से में जानते हैं कि इसे कैसे तला जाता है।
Kurkure को कुरकुरा बनाने के लिए तलने की प्रक्रिया
अब जब Kurkure अपने खास टेढ़े-मेढ़े आकार में तैयार हो जाता है, तो अगला स्टेप होता है इसे कुरकुरा और स्वादिष्ट बनाने के लिए तलना। Kurkure की सबसे बड़ी खासियत उसकी कुरकुरी बनावट होती है, जो तभी बनती है जब इसे सही तरीके से तला जाए।

फैक्ट्री में Kurkure को तलने के लिए बड़े-बड़े फ्रायर (Fryer) मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशीन में खाना पकाने वाला साफ और उच्च गुणवत्ता वाला तेल डाला जाता है। तेल को एक निश्चित तापमान तक गर्म किया जाता है। तापमान को न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम रखा जाता है, क्योंकि ज्यादा गर्मी से Kurkure जल सकता है और कम तापमान पर यह ठीक से कुरकुरा नहीं बन पाएगा।
जैसे ही Kurkure के टुकड़ों को फ्रायर मशीन में डाला जाता है, ये तेल में अच्छे से तले जाते हैं। तलने की इस प्रक्रिया के दौरान Kurkure सुनहरे रंग के हो जाते हैं और इनका स्वाद भी उभरकर आता है। इस प्रक्रिया में हर टुकड़ा एक समान तरीके से तला जाता है ताकि सभी का स्वाद और बनावट एक जैसी हो।
फ्रायर मशीन में समय का भी खास ध्यान रखा जाता है। Kurkure को बहुत देर तक तलने से यह बहुत सख्त हो सकता है और जल्दी निकालने पर यह कच्चा रह सकता है। इसलिए एकदम सही समय पर Kurkure को फ्रायर से निकाला जाता है।
तलने के बाद Kurkure को ठंडा होने के लिए कूलिंग बेल्ट पर रखा जाता है। इससे Kurkure अतिरिक्त तेल छोड़ देता है और खाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है। अब अगला स्टेप होगा इसे स्वादिष्ट मसालों से भरपूर बनाने का।
Kurkure में स्वादिष्ट मसाले मिलाने की प्रक्रिया
जब Kurkure अच्छी तरह से तलकर कुरकुरी बन जाती है, तो अगला और सबसे मजेदार स्टेप होता है स्वादिष्ट मसाले मिलाना। यही मसाले Kurkure को उसका अनोखा स्वाद और खुशबू देते हैं, जिससे यह सबका पसंदीदा स्नैक बन जाता है।

फैक्ट्री में मसाले मिलाने के लिए स्पाइस कोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले, अलग-अलग फ्लेवर के अनुसार मसालों का मिश्रण तैयार किया जाता है। इनमें नमक, मिर्च, प्याज पाउडर, टमाटर पाउडर और दूसरी स्वादिष्ट जड़ी-बूटियां होती हैं। हर फ्लेवर के लिए खास मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे मसाला मUNCH, चिली चैटका या टमाटर ट्विस्ट।
इसके बाद तलकर ठंडे किए गए Kurkure को इस स्पाइस कोटिंग मशीन में डाला जाता है। मशीन धीरे-धीरे घूमती है और साथ ही मसालों को Kurkure पर एक समान तरीके से छिड़कती है। घूमने की वजह से हर टुकड़े पर मसाले अच्छे से चिपक जाते हैं। इससे हर Kurkure का स्वाद एक जैसा और जबरदस्त बनता है।

मसाले मिलाने की प्रक्रिया में यह भी देखा जाता है कि मसाले ज्यादा या कम न हों। अगर मसाले ज्यादा होंगे, तो स्वाद बहुत तेज हो सकता है और कम होने पर स्वाद फीका पड़ जाएगा। इसलिए मशीन में मसालों की मात्रा को बिल्कुल सटीक रखा जाता है।
मसालों से लिपटा हुआ ताजा और स्वादिष्ट Kurkure अब खाने के लिए लगभग तैयार है। अगला स्टेप होगा इसे पैक करना ताकि यह ताजा और कुरकुरा बना रहे।
Kurkure को पैक करने की प्रक्रिया
जब Kurkure पूरी तरह से स्वादिष्ट मसालों से भरपूर और कुरकुरी बनकर तैयार हो जाती है, तो अगला महत्वपूर्ण स्टेप होता है इसे पैक करना। पैकिंग का काम बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे Kurkure ताजा, कुरकुरा और साफ-सुथरा बना रहता है। अगर पैकिंग सही न हो, तो Kurkure जल्दी नरम हो सकता है और उसका स्वाद भी खराब हो सकता है।

फैक्ट्री में Kurkure को पैक करने के लिए ऑटोमैटिक पैकिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले, तैयार Kurkure को साफ-सुथरी बेल्ट पर डाला जाता है, जहां से यह मशीन तक पहुंचता है। मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती है और इसमें इंसानों की निगरानी सिर्फ यह देखने के लिए होती है कि पैकिंग ठीक से हो रही है या नहीं।
पैकिंग के लिए जो पाउच या पैकेट इस्तेमाल होते हैं, वे खास किस्म के प्लास्टिक से बने होते हैं, जो हवा और नमी को अंदर नहीं आने देते। इससे Kurkure लंबे समय तक ताजा और कुरकुरा बना रहता है। मशीन तय मात्रा में Kurkure को तौलकर पैकेट में भरती है और फिर उसे गर्म करके सील कर देती है ताकि पैकेट पूरी तरह से बंद रहे।
इस पूरी प्रक्रिया में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। मशीनें समय-समय पर साफ की जाती हैं ताकि Kurkure सुरक्षित रहे और खाने में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो। पैकिंग के बाद हर पैकेट पर जरूरी जानकारी जैसे उत्पादन तिथि, एक्सपायरी डेट, फ्लेवर का नाम और वजन भी लिखा जाता है।
अब Kurkure के पैकेट बाजार में पहुंचने के लिए तैयार हैं। अगले स्टेप में जानेंगे कि ये पैकेट दुकानों तक कैसे पहुंचते हैं।
Kurkure के पैकेट बाजार और दुकानों तक कैसे पहुंचते हैं ?
जब Kurkure के पैकेट पूरी तरह से पैक हो जाते हैं, तो अगला स्टेप होता है इन्हें बाजार और दुकानों तक पहुंचाना, ताकि लोग इन्हें खरीद सकें और स्वाद का मजा ले सकें। फैक्ट्री से दुकानों तक पहुंचने का यह सफर भी बहुत खास होता है, जिसमें साफ-सफाई और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।

सबसे पहले, फैक्ट्री में तैयार हुए पैकेट्स को बड़ी-बड़ी कार्टन बॉक्स में रखा जाता है। हर कार्टन में Kurkure के कई पैकेट होते हैं। इन कार्टन्स को ठीक से बंद किया जाता है और उस पर जरूरी जानकारी लिखी जाती है, जैसे कितने पैकेट हैं, कौन-सा फ्लेवर है और इनकी उत्पादन तारीख। इससे यह सुनिश्चित होता है कि दुकानों तक सही सामान पहुंचे।
इसके बाद ये कार्टन्स बड़ी-बड़ी ट्रकों में लादे जाते हैं। इन ट्रकों को चलाने वाले ड्राइवर और उनके सहायक यह सुनिश्चित करते हैं कि सफर के दौरान कार्टन्स को कोई नुकसान न पहुंचे। ट्रकों के अंदर साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है ताकि पैकेट्स पूरी तरह से सुरक्षित रहें।
फिर ये ट्रक अलग-अलग शहरों और गांवों में स्थित गोदामों (Warehouses) में पहुंचते हैं। गोदाम वह जगह होती है जहां से दुकानदार अपने-अपने स्टोर के लिए Kurkure खरीदते हैं। गोदाम से Kurkure के पैकेट्स छोटे वाहनों के जरिए दुकानों और सुपरमार्केट तक पहुंचाए जाते हैं।
अब जब ये पैकेट दुकानों पर पहुंच जाते हैं, तो लोग इन्हें खरीदते हैं और अपने परिवार व दोस्तों के साथ स्वाद का आनंद लेते हैं।
Kurkure की गुणवत्ता की जांच कैसे होती है ?
Kurkure को स्वादिष्ट और सुरक्षित बनाने के बाद, सबसे जरूरी काम होता है इसकी गुणवत्ता (Quality) की जांच करना। गुणवत्ता की जांच से यह सुनिश्चित किया जाता है कि जो Kurkure हम खाते हैं वह पूरी तरह से ताजा, कुरकुरा और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हो। अगर यह जांच न हो, तो खराब या असुरक्षित Kurkure बाजार में जा सकता है, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

फैक्ट्री में Kurkure की गुणवत्ता जांचने के लिए स्पेशल लैब और एक्सपर्ट्स होते हैं। सबसे पहले, कुछ पैकेट्स को प्रोडक्शन लाइन से अलग कर लिया जाता है और लैब में ले जाया जाता है। यहां पर Kurkure के रंग, स्वाद और बनावट को ध्यान से देखा जाता है। देखा जाता है कि Kurkure का हर टुकड़ा एक जैसा कुरकुरा और स्वादिष्ट है या नहीं।
इसके बाद, Kurkure के अंदर इस्तेमाल किए गए मसालों और तेल की भी जांच होती है। यह देखा जाता है कि इन सभी चीजों में कोई हानिकारक तत्व तो नहीं हैं। हर फ्लेवर के लिए तय मानकों के अनुसार चेक किया जाता है कि स्वाद सही है या नहीं। अगर स्वाद या बनावट में कोई कमी मिलती है, तो उन पैकेट्स को फैक्ट्री से बाहर नहीं भेजा जाता।
गुणवत्ता जांच के दौरान हाइजीन (साफ-सफाई) का भी ध्यान रखा जाता है। पूरी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि Kurkure में किसी भी तरह की गंदगी या हानिकारक तत्व न हों। इसके अलावा, पैकेट्स पर लिखी तारीखें और वजन की भी जांच होती है ताकि ग्राहक को सही जानकारी मिले।
जांच पूरी होने के बाद ही Kurkure के पैकेट बाजार में बिक्री के लिए भेजे जाते हैं। इस तरह से हमें मिलता है स्वादिष्ट, कुरकुरा और सुरक्षित Kurkure, जिसे हम बिना किसी चिंता के खा सकते हैं।
Last Word –
तो दोस्तों, अब आपने जान लिया कि Kurkure फैक्ट्री में कैसे बनता है। खेतों से लाए गए मक्के के दानों से लेकर मसालों की खुशबू और कुरकुरी बनावट तक, हर स्टेप में साफ-सफाई और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक मशीनें और एक्सपर्ट्स की मेहनत ही वह कारण है, जिससे हमें इतना स्वादिष्ट और कुरकुरा स्नैक खाने को मिलता है। पैकिंग से लेकर बाजार तक पहुंचने की पूरी प्रक्रिया काफी दिलचस्प होती है। अगली बार जब भी आप Kurkure का पैकेट खोलें, तो इसके पीछे की पूरी मेहनत और तकनीक को जरूर याद करें।
Que 1. क्या Kurkure बनाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले सुरक्षित होते हैं ?
Ans. हां, फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सभी मसाले गुणवत्ता जांच से गुजरते हैं। इन्हें स्वास्थ्य मानकों के अनुसार चुना और मिलाया जाता है, ताकि खाने में किसी भी तरह की हानि न हो।
Que 2. क्या Kurkure बनाने में हाथों का इस्तेमाल होता है ?
Ans. नहीं, Kurkure पूरी तरह से ऑटोमैटिक मशीनों से बनता है। इससे साफ-सफाई और गुणवत्ता बरकरार रहती है और प्रोडक्शन में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होती।
Que 3. Kurkure कितने फ्लेवर में उपलब्ध है ?
Ans. Kurkure कई फ्लेवर में उपलब्ध है, जैसे मसाला मUNCH, चिली चैटका, टमाटर ट्विस्ट आदि। हर फ्लेवर में अलग-अलग मसालों का स्वाद होता है, जिससे हर किसी को अपनी पसंद का फ्लेवर मिल जाता है।
Que 4. Kurkure को ताजा रखने के लिए पैकिंग कैसे होती है ?
Ans. Kurkure को ऐसे पैकेट्स में पैक किया जाता है, जो हवा और नमी को अंदर नहीं आने देते। इससे Kurkure लंबे समय तक ताजा और कुरकुरा बना रहता है।
Que 5. क्या Kurkure बनाने की प्रक्रिया बच्चों के लिए सुरक्षित है ?
Ans. जी हां, Kurkure की पूरी प्रक्रिया स्वास्थ्य मानकों और सुरक्षा नियमों के अनुसार होती है। हर स्टेप पर गुणवत्ता और हाइजीन की जांच की जाती है, जिससे बच्चों और बड़ों के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित रहता है।