Hanumat Dham Shahjahanpur ( उत्तर प्रदेश का प्रमुख धार्मिक स्थल )

Shahjahanpur का Hanumat Dham एक ऐसा पावन धाम है, जहां 104 फीट ऊंची हनुमान जी की भव्य प्रतिमा श्रद्धालुओं को दिव्यता और आस्था का अद्भुत अनुभव कराती है।

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Hanumat Dham Shahjahanpur
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Shahjahanpur का Hanumat Dham उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। यह स्थान विश्रत घाट पर स्थित है और चारों ओर से नदी के पानी से घिरा हुआ है, जो इसे एक छोटे से टापू का स्वरूप देता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पुल बनाया गया है, जिससे श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकते हैं। इस धाम में 104 फीट ऊंची भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा स्थापित है, जिसमें उनके हृदय में भगवान राम और माता सीता की छवि अंकित की गई है।

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Hanumat Dham Ki Adbhut Visheshata

Hanumat Dham सिर्फ अपनी भव्य प्रतिमा के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यहां प्राकृतिक गुफा के अंदर गणेश जी, सूर्य देव, माता दुर्गा, सरस्वती और शिवलिंग की मूर्तियां स्थापित हैं। यह गुफा श्रद्धालुओं को एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव कराती है। मंदिर का वातावरण बेहद शांत और पवित्र है, जहां भक्तजन सुबह और शाम को पूजा-अर्चना कर अपना मन शांत करते हैं। यहां आकर हर व्यक्ति को भक्ति और शांति का अनुभव होता है।

Hanumat Dham Shahjahanpur
Hanumat Dham Shahjahanpur

Tyoharon Me Dham Ka Mahatva

मंदिर में भक्तों की भीड़ खासकर हनुमान जयंती और अन्य त्यौहारों पर देखने को मिलती है। इन अवसरों पर श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। दूर-दूर से लोग भगवान हनुमान के दर्शन करने यहां आते हैं और उनकी आस्था को गहरा करते हैं। आम दिनों में यहां का वातावरण सरल और शांत रहता है। मंदिर का खुलने का समय प्रायः सुबह पांच बजे से दोपहर तक और फिर शाम तीन बजे से रात दस बजे तक होता है, जिससे लोग अपने सुविधानुसार दर्शन कर सकते हैं।

Prakritik Saundarya Aur Shanti Ka Sthal

Hanumat Dham के आस-पास का प्राकृतिक सौंदर्य भी इसे और खास बनाता है। नदियों के बीच स्थित होने के कारण यह जगह हरियाली और ठंडी हवाओं से घिरी रहती है। भक्त यहां सिर्फ धार्मिक कारणों से ही नहीं बल्कि मन की शांति और प्राकृतिक वातावरण का आनंद लेने भी आते हैं। हालांकि बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने पर पुल से आना-जाना कठिन हो सकता है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं होती और लोग दूर-दूर से इस धाम तक पहुंचते रहते हैं।

Parivar Aur Bachchon Ke Liye Shiksha

Hanumat Dham सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि परिवार और बच्चों के लिए भी एक सीखने का स्थान है। यहां आने वाले लोग अपने बच्चों को धर्म, आस्था और भारतीय संस्कृति से जोड़ते हैं। बच्चे विशाल हनुमान प्रतिमा और गुफा में स्थापित मूर्तियों को देखकर बेहद प्रभावित होते हैं। यह स्थान उन्हें धर्म और इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सिखाने का माध्यम भी बन जाता है। यही कारण है कि यह धाम स्थानीय लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है।

Hanuman Jayanti Par Vishesh Ayojan

त्योहारों के समय Hanumat Dham का दृश्य और भी भव्य हो जाता है। खासतौर पर हनुमान जयंती पर यहां विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जाता है। हजारों श्रद्धालु इस अवसर पर इकट्ठा होकर भक्ति का उत्सव मनाते हैं। इस दौरान मंदिर परिसर को सुंदर रोशनी और फूलों से सजाया जाता है, जिससे इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक उत्साह का प्रतीक है बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है।

Yatra Aur Suvidha Ka Anubhav

Hanumat Dham आने वाले पर्यटकों के लिए आस-पास रुकने और खाने-पीने की भी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। शहर के केंद्र से यह स्थान नजदीक होने के कारण यहां पहुंचना आसान है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर यह धाम स्थित है। स्थानीय दुकानों पर पूजा सामग्री और प्रसाद आसानी से मिल जाता है। इस वजह से श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और वे पूरे मन से पूजा-अर्चना कर पाते हैं।

Pradesh Mein Tezi Se Badhata Naam

Hanumat Dham की ख्याति सिर्फ शाहजहांपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग यहां दर्शन करने आते हैं। यह धाम उत्तर प्रदेश में तेजी से एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो रहा है। इसकी भव्यता और धार्मिक महत्व हर किसी को प्रभावित करता है। स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग भी इसे और विकसित करने में जुटा हुआ है, ताकि अधिक से अधिक भक्त और पर्यटक यहां आकर इस धाम की भव्यता का अनुभव कर सकें।

Har Mausam Mein Anokha Anubhav

Hanumat Dham के आसपास का वातावरण हर मौसम में अपनी अलग छटा बिखेरता है। गर्मियों में यहां आने वाले श्रद्धालु विशाल प्रतिमा की छाया में ठंडक और शांति महसूस करते हैं। बरसात के मौसम में नदी का दृश्य बेहद मनमोहक हो जाता है, जब पानी मंदिर के चारों ओर बहता है और इसका दृश्य किसी द्वीप जैसा प्रतीत होता है। सर्दियों में यहां की ठंडी हवाएं और शांत वातावरण भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराते हैं।

Bhakti Aur Sanskriti Ka Sangam

यह धाम न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है बल्कि कलाकारों और फोटोग्राफरों के लिए भी आकर्षण का स्थल है। हनुमान जी की विशाल प्रतिमा और प्राकृतिक सुंदरता फोटो खींचने वालों के लिए बेहतरीन विषय बन जाती है। यहां पर ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया और पर्यटन गाइड में भी अक्सर देखने को मिलती हैं। इस तरह Hanumat Dham धार्मिक महत्व के साथ-साथ सांस्कृतिक और कलात्मक दृष्टि से भी बेहद खास है।

Niskarsh Hanumat Dham Ka Mahatva

Hanumat Dham का महत्व केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां आने वाले कई भक्त अपने अनुभव को दूसरों तक पहुंचाते हैं। धीरे-धीरे यह धाम पूरे प्रदेश में एक पहचान बना चुका है। यहां आने वाले लोग इसे भगवान हनुमान की अद्भुत शक्ति और करुणा का प्रतीक मानते हैं। इस धाम की यात्रा हर भक्त के लिए अविस्मरणीय अनुभव होती है, जो जीवनभर उनकी स्मृतियों में बस जाती है।

Que 1. Hanumat Dham Shahjahanpur कहाँ स्थित है?

Ans. Hanumat Dham उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर शहर में विश्रत घाट पर स्थित है। यह मंदिर नदी के बीच छोटे से टापू पर बना है और यहां तक पहुंचने के लिए एक पुल बनाया गया है।

Que 2. Hanumat Dham का मुख्य आकर्षण क्या है?

Ans. इस धाम का मुख्य आकर्षण भगवान हनुमान जी की 104 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा है। इस प्रतिमा में हनुमान जी के हृदय में भगवान राम और माता सीता की छवि अंकित है।

Que 3. Hanumat Dham में दर्शन का समय क्या है?

Ans. आम तौर पर Hanumat Dham सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 3:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष भीड़ होती है।

Que 4. Hanumat Dham में कौन-कौन सी मूर्तियां और विशेषताएं हैं?

Ans. यहां प्राकृतिक गुफा में भगवान गणेश, सूर्य देव, माता दुर्गा, सरस्वती, शिवलिंग और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर का शांत वातावरण श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव कराता है।

Que 5. Hanumat Dham घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

Ans. Hanumat Dham जाने का सबसे अच्छा समय हनुमान जयंती, दीपावली और अन्य धार्मिक त्योहारों के दौरान होता है, जब मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है। हालांकि आम दिनों में भी यहां का वातावरण शांत और भक्ति से भरा रहता है।

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